मंगल दोष होने का एकमात्र प्रचलित कारण ये माना जाता रहा है की व्यक्ति मंगलवार को जन्म है, लेकिन वास्तव में मंगल दोष के कई कारण है, जैसे जिस व्यक्ति की कुंडली मैं मंगल 1, 4, 7, 8, अथवा 12वे घर मैं स्तिथ हो वह व्यक्ति मांगलिक होता है या अन्य शब्दों में हम इसी को कुंडली में मंगल दोष (Mangal Dosh) है कहते है । मंगल उग्र या उष्ण प्रकृति का ग्रह है, इसीलिए कुछ ज्योतिषाचार्य इसे पापग्रह भी मानते है, किन्तु ज्योतिष विज्ञान मैं इसका बहुत महत्वपूर्ण स्थान हे । मंगल की स्थिति से रोजी रोजगार एवं कारोबार मे उन्नति एवं प्रगति होती है तो दूसरी ओर कुंडली में मंगल दोष (Mangal Dosh)की उपस्थिति वैवाहिक जीवन के सुख बाधा डालती है.
मंगल और मांगलिक दोष
मांगलिक दोष ने समाज के हर वर्ग को भयभीत कर रखा हे । यदि फिल्म जगत की बात करैं तो ऐश्वर्य राए ने अभिषेक बच्चन से शादी करने से पहले बॅड विवाह (बरगद के पेड़ से विवाह) किया था । ऐसा माना जाता हे की रेखा और लीना चन्दवर्कर भी मांगलिक हैं और इन मंगल दोष के कारण इनका वेवाहिक जीवन सुखमय नहीं रहा ।
मांगलिक व्यक्ति के लक्षण
मांगलिक व्यक्ति विनम्र, निर्भय, प्रभावशाली, होशियार, स्व-केंद्रित, अनुशासित परन्तु गुस्सैल होते हैं । उनमैं से जो वाइब्रेशन्स उत्पन्न होती हैं वे बहुत शक्तिमान एवं तेजस्वी होती हैं । इसी कारण ऐसा माना जाता हे की सिर्फ एक मांगलिक ही दूसरे मांगलिक की प्रकृति के साथ शांतिपूर्वक निभा सकता हे । एक और विचारधारा जो हमारे समाज मैं प्रचलित हे वह ये हे की 28 साल की उम्र के बाद मंगल का दोष कम हो जाता हे ।
मांगलिक दोष के उपाय
मांगलिक दोष कुंडली में होने पर मंगल नाथ की मंगल भात पूजा का विधान है, इसके अलाबा कुछ और प्रसिद्ध दोष निवारण उपाय हैं – केसरिया गणपति की पूजा, लाल कपड़े का दान, पीपल के पेड़ की दूध से पूजा और घर पे हाथी दान्त रखना ।
मांगलिक दोष और हम
मांगलिक दोष सिर्फ जनमकुंडली के 5 घरों मैं मंगल की उपस्तिथि के बारे मैं ही नहीं हैं । खुले दिमाग से, समझदारी से, तर्क-वितर्क करके सोचैं और मांगलिक दोष (Mangalik Dosh)के निवारण के लिए विद्वान, सदाचारी, सात्विक पंडित से सम्पर्क करके मंगल दोष के बारे जाने और समझे.
मंगल दोष का निवारण कैसे करें
मंगल दोष के निवारण के लिए विश्व में एकमंत्र मगल नाथ जी का मंदिर उज्जैन है, जहां पर भात पूजा होती है, यहाँ पर पूजन से मंगल दोष या तो समाप्त हो जाता है या फिर उसकी उग्रता बहुत कम हो जाती है, मंगल दोष पूजा उज्जैन के लिए आप हमसे (8989-540-544 ) भी सम्पर्क कर सकते है, हमारे पास उज्जैन के विशिस्ट विद्वान ब्राह्मणों की जानकारी है
Mangal Dosh Bhat Puja in Ujjain
Mangalik Yog is the special position of Mangal Grah in the five places in the horoscope (Kundli) of a person i.e means if Mangal Grah is situated in the 1, 4, 7, 8, or 12th position in the horoscope then the person considered as Mangalik, so many times general people say if a person born on Mangalvar (Tuesday) then he or she would be Mangalik, but this is not true always and no need worry about this. The solution of manglik dosh nivaran is possible and this is Mangal Dosh Bhat Puja in Ujjain , you can contact us on this number 8989-540-544 to get details about the best pandit ji in Ujjain for Mangal Bhat Puja. We hope you will get all the solutions of your career and life, and we can assure you that everything will be fine.
जानिए क्या है मंगल भात पूजा उज्जैन के बारे में।
जिस किसी भी जातक की कुंडली में मंगल दोष होता है उन्हें विवाह पूर्व मंगल भात पूजा का परमर्श ज्योतिषी द्वारा दिया जाता है जो कि बहुत ही जरूरी होता है.
मंगल भात पूजा का उज्जैन में बहुत ही महत्त्व माना गया है, किसी भी जातक की मंगल दोष पूजा या मंगल भात पूजा से जातक के घर में परिवार में एवं विवाहिक जीवन में बहुत ही सुख समृद्धि आती है
कैसे होती है भात पूजा ? – चावल रूपी भात बनाकर शिवलिंग रूपी मंगल भगवान की पूजा की जाती है किसी भी यजमान को अगर भात पूजा करवाना हो तो विद्वान पंडित के माध्यम से विधिविधान से मंत्रो उपचार के माध्यम से मंगल भगवान पर भात चढ़ाई जाती है
पूजन – सर्वप्रथम गोरी गणेश का पूजन करके इसके बाद नवग्रह का पूजन एवं कलश पूजन होता है इसके मंत्रोपचार के माध्यम से भगवान पर भात अर्पित करके भात पूजा सम्पन की जाती है
मंगल भात पूजा उज्जैन के लाभ
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हमारे ब्रह्मांड के ग्रहों में मंगल का अपना एक अलग महत्त्व है और वही विशेष महत्त्व उसका हमारी कुंडली में ही है, अगर मंगल ठीक नहीं है तो अमंगल के लक्षण दिखने लगते है, मूलतः विवाह में विलम्भ होना, या विवाह के बाद पति पत्नी में मनमुटाव या अनबन रहना, दोनों का एकदूसरे को नहीं समझ पाना इत्यादि समस्याए आती है जिनका कोई भी तकनिकी महत्त्व या विवेचना नहीं की जा सकती है, बस अनबन है तो है कोई कारण नहीं है, मंगल भात पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में इसी मांगलिक दोष निवारण के लिए की जाती है।
1 – विवाह उपरांत कराई गयी भात पूजा से वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि आती है
2 – संतान प्राप्ति के योग बनते है
3 – विवाह जीवन में एवं परिवार में अड़चने नही आती है
4 – व्यापर आदि में बढ़ोतरी होती है
इसलिए जिस किसी भी जातक की कुंडली में मंगल दोष चाहे आंशिक हो या सम्पूर्ण हो उन्हें विवाह से पूर्ब मंगल भात पूजा उज्जैन में आकर विधिविधान से पूजा करना चहिये
उज्जैन में मंगल नाथ मंदिर, मंगल भात पूजा के लिए एवं मंगल दोष निवारण पूजन के लिए बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है ! आप जानते है कब होता है कुंडली में मंगल दोष ?